कॉरपोरेटाइजेशन के बाद फिल्मों के निर्माण और वितरण का स्वरूप बदलने लगा है।
2.
तेल की ऊंची कीमत से आय के वितरण का स्वरूप बदल सकता है।
3.
मार्क् सवादी राजनीतिक अर्थशास्त्र का ककहरा बताता है कि स्वामित्व के रूप, उत्पादन में लोगों की भूमिका एवं आपसी सम्बन्ध और उत्पाद के वितरण का स्वरूप-ये तीनों उत्पादन-सम्बन्धों के ही तीन पहलू हैं।
4.
मार्क्स के अनुसार किसी भी समाज में उत्पाद (उपभोक्ता सामग्री) के वितरण का स्वरूप स्वामित्व के रूपों से तय होता है यानी कि इस प्रश्न से तय होता है कि उत्पादन के साधनों का मालिक कौन सा वर्ग है और वह वर्ग उन उत्पादन के साधनों का कैसा इस्तेमाल कर रहा है।